माँ कहती थी,
सब ठीक हो जायेगा
सब ठीक हो गया
माँ ठीक कहा करती थी
दूर उसके गाँव में
उसके घर के पिछवाड़े
एक धीमी नदी बहती थी
ऐसा वो नहीं कहती थी
वहां कोई नदी नहीं बहती थी
माँ ठीक कहा करती थी
जो सोचा है सब हो जायेगा
बिन माँगा भी मिल जायेगा
ढाढस की थपकियों के बीच
वो ये भी कहा करती थी
कुछ तितिर बितिर सा हुआ तो है
कुछ मांगे जैसा मिला तो है
जाने वो क्यूँ कहा करती थी
माँ जो भी कहा करती थी
मैं सब कुछ कहाँ समझ पाती हूँ
वो ये भी तो कहा करती थी
माँ ठीक कहा करती थी
वो जो भी कहा करती थी